Monday, December 21, 2009

Kaash!!

काश मै भी ख्यालों की तरह उड़ पाता,
तो मै भी तुझे सोता हुआ देखने चला आता।
तेरी अंकों मॆं सपनो की तरह कर तुझे अपना बनाता।
तेरी ज़िन्दगी मॆं इक उम्मीद की तरह बन कर बस जाता।

तेरी हर ख्वाहिश बन कर तुझे तड़पता।
तेरी सांस बन कर तेरा साथ निभाता।
काश मैं तेरी मुस्कान बन जाता,
हर छोटी बात पर तुझे हंसाता।
तेरे होंटो की नमी बन कर,
तुझे अपनी याद दिलाता।

काश मैं ये सब कर पाता।
कास मैं तुझसे मिल पाता।
काश मैं तेरे गले लग जाता।
काश मैं तेरा हो पाता।।

-अभिनव शर्मा "दीप"




1 comment:

anoosha said...

I like your comparisons,beautiful composition.